टीचर :- “आंधे की माक्खी राम हटावै” इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करो ,
छात्र :- जी माणस बेसक दारू पीकै आंधा बोला हो रया हो , पर दारू का गलास आंख बंद करकै पी सकै इतिहास गवाह है दारू के गलास मैं माक्खी ना गिरती क्योंकि “आंधे की माक्खी राम हटावै” … 😝😝
टीचर :- बाहर लिक्ड़ क्लास तै कमीण अर सांझ नै मिलिए .



आज फेर तेरी याद आरी , आज फेर ठेके पै जाउंगा ,
आज फेर नीदं मैं तेरा नाम ल्युंगा …
आज फेर लुगाई के मुक्के खाउंगा … 😢😢😭
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दारु की याद आरी गंदी सोच दारु की .

करनी सेना कवै … जे कोए म्हारी लड़की कान्नी लखा ग्या तो खड़या लट्ठ बाजैगा …

सुप्रीम कोर्ट :- देखिए अब मूवी का नाम लड़के वाला रख दिया है … अब देख सकते हैं …

सूप्रीम कोरट साब आपनै तो बोल दिया देख सकते हैं वा जो हात्थां मैं लट्ठ ठाए घूमरे उनके मुंह तै कवाओ जी … क्यों जन्ता की चुतड़ी तुड़वाण आले काम कर रे हो

एक दिन पड़ोस का हरयाणवी छोरा आ के बोल्या-
” रे चाचा, अपनी इस्त्री देदे… ”
चाचा ने अपनी जनानी की ओर इसारा करया और बोला- ” ले जा, वा बैठी.. ”
छोरा चुप चाप देखन लाग्या…
बोला- ” चाचा यो नहीं, कपडे वाली..”
चाचा बोल्या- ” भले मानस, यो तन्ने बगेर कपड़े दिखे है के ??? ”
छोरा गुस्से में चीखा- ” रा चाचा
बावला ना बन, करंट वाली इस्त्री..”
चाचा- ” बावले, हाथ ते लगा के देख…जे ना मारे करंट, फेर कहिये…”


नब्बे दिन छुटके नब्बे दिन नवम्बर दिसम्बर जनवरी … नहाना मतलब मौत को दावत देना …
फरवरी … एक महीना ऐसे ही इंतजार करो क्योंकि अचानक पानी उपर डालोगे तो गरम सरद हो सकता है ….

सिर्फ होली से बचो तो मार्च भी निकल जाएगा … सुसरे गीले पानी से बच के …
अप्रेल में थोड़ा सैंट छिड़क लो … लोगों का ऐसे ही ऐप्रेल फूल बना रहेगा … बइ बंदा खुश्बुएं फेंक रहा तो नहाया होगा … मई थोड़ा उपर नीचे करके निकाल दो …
जून जुलाई अगस्त … पसीना ही इतना आता है कि बंदा वैसे ही नहाया रहता है … सितम्बर मौसम बदलता है डाक्टर भी बोलते हैं नहाना मत …
बचा एक अक्तुबर तो यार एक महिना अपने दम से निकालो … यां सब मैं ही सिखाऊं …
नब्बे दिन छुटके बस्स्स् नब्बे दिन ….
आग्गै मरजी है तेरी आखिर गात है तेरा …

आज का बैस्ट फ्रैंड …

वा सिगरट का पहला कश लगवावैगा … अर फेर आदत होए पाच्छै बीड़ी के फायदे बतावैगा …

वा बीयर शराब ना होती बोल कै थारे होठां कै लावैगा … अर फेर कच्ची दारू की एक हजार खूबियां गिणवावैगा …

वा पहले अपणे ताऊ की गल्तियां बतावैगा … फेर थारे बाब्बू नैं थारा सबतै बड़ा दुश्मन सिद्ध करकै दिखावैगा …

या उम्र ऐसिए हो सै , इन बातां मैं थारा वर्तमान तो विश्वाश कर लेगा … पर बालको भविष्य बिगड़ जावैगा …

तो भाई थम आज की पीढ़ी हो कौशिश करो अपने चाचा ताऊ बाब्बू तै अपणा बैस्ट फ्रैंड बणाओ … उनकी बात मानों अर अपने फ्रैंड को बैस्ट तब बणाओ जब वो उन जैसी सलाह दे अर बात करै … 👍👍👍

और अगर या पोस्ट पढ़ कै तन्नैं बुरा लाग्या तो तूं बी बैस्ट फ्रैंड के जाल मैं फंस रया है माई फ्रैंड …


एक मॉडर्न छोरी बोल्ली मैं आज की छोरी हूं कुछ बी कह दे मन्नै छौह ना आता …
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मन्नै उस्तै बेब्बे कैह दिया

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अर आज मेरी एक बहन और है अर वा मन्नै सगे भाई जैसा समझै अर मैं धन हो गया … नजरिया है लड़कियों की तरफ देखने का कभी भी बहन गर्ल फ्रैंड से ज्यादा प्यारी होती है क्योंके उसके प्यार में छल नही होता … और जीवन साथी एक होता है एक ही होना चाहिए … भाई बहन हमें जितने हो सकें बनाने चाहिए


मेरी रश्के कमर … तेरी दुक्खै कमर ,
तेरी होई सगाई …
मजा आ गया

तन्नै ब्लॉक मैं करया … कसूर मेरा धरया ,
फेर बी ना भूल पाई …
मजा आ गया

ना गिला तेरे तै … मैं तो आदी धूप का
तूं थी छांव बण कै आई …
मजा आ गया

जिंदगी पाणी सी … नदी बण कै तन्नै
कुछ दन सीधी चलाई …
मजा आ गया

( किसी की कसम तोड़ कै लिखी हैं ये लाइन भाई … कोई उल्टा सुल्टा मतलब मत लिकाड़िओ

एक जाट नै वकालत शुरु कर दी । पहला ही केस जमीन-जायदाद का मिल ग्या ।

कोर्ट में बहस के दौरान सामने वाली पार्टी की तरफ इशारा कर कै बोल्या — जज साहब, इसनै जमीन कोनी मिल सकती, यो तै गैलड़ सै ।

जज साहब की समझ में कुछ नही आया, बोल्या — वकील साहब ये, गैलड़ क्या होता है जरा समझाओ ।

वकील बोल्या — जी समझा तै दूँगा पर आप बुरा मान ज्याओगे ।

जज बोल्या — भाई समझाना तो पड़ेगा, नही तो केस आगे कैसे बढेगा ? जरा विस्तार से समझाओ ।

वकील बोल्या — सुण जज साहब । तेरा बाप मर ज्या अर तेरी माँ मेरे बाप गैल्यां आ-ज्या । फेर पाच्छै-पाच्छै तू भी आ ज्या, तै तू गैलड़ हो-ग्या अर मैं तन्नै चवन्नी भी ना लेवन दूँ आपणे घर तैं । कदे आजमाइश कर-कै देख लिए !!

मैडम_तू_धोखा_इसा_देगी

कई_बार_तो_अपणे_आप_पै_भी

शक_होजे_है