किसी भी मनुष्य कि वर्तमान स्तिथि को देखकर
उसके भविष्य का उपहास मत उडाऔ
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क्योकि
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समय मे इतनी शक्ति है कि वह एक साधारन से कोयलो को भी धीरे-धीरे एक किमती हीरे मे बदल देता है
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हार और जीत
आपकी सोच पर
निर्भर करती है
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मान ली तो हार
ठान ली तो जीत
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,
बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं