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फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी हैं

वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश ‘जनवरी’ है !!



वक्त सिखा देता है इंसान को फलसफा जिंदगी का..!!

फिर तो नसीब क्या .. लकीर क्या … और तकदीर क्या ?

दिल तो दोनों का टूटा हैं

वरना चाँद में दाग और सूरज में आग
ना होती…!!!