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कितना अच्छा होता…तुम जो मतलबी होते…
और तुम्हें सिर्फ….मुझसे ही मतलब होता…



लड़कियाँ खिलौना नही होती… जनाब..
पिता तो यूँ ही प्यार से गुड़िया कहते हैं

खवाब टूटे मगर हौसले जिंदा है ।
हम वो है जहाँ मुश्किले भी शर्मिंदा हैं ।

सुनो आज आखरी बार अपनी बाँहों में सुला लो .
अगर आँख खुले तो उठा देना , वरना सुबह हमे जला देना ।


किसी से कुछ नही कहूंगा में
देख लेना एक दिन यूँही मर जाऊंगा में

उनकी ना खाता थी हम ही गलत समझ बैठे दोस्तो
वो मोहब्बत से बात करते थे और हम मोहब्बत ही समझ बैठे


बुरे में अच्छा ढूंढोतो कोई बात बने..
अच्छे में बुराई ढूंढना
तो दुनिया का रिवाज है।”


भूले नहीं तुझे
और भूलेगें भी नहीं,,,

बस नज़र अंदाज करेंगे तुझे
तुम्ही की तरह..

उदास रहता है मोहल्ले मै बारिश का पानी आजकल,
सुना है कागज़ की नाव बनानेवाले बड़े हो गए है!

जो हमें जानते हैं,
वो सिर्फ़ मेरे होकर रहे जाते हैं,
और जो हमें नहीं जानते हैं,
उनकी तो क़िस्मत* ही ख़राब हैं