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काश में लौट जाओ बचपन की वादियो में
जहाँ कोई न जरूरत थी और ना कोई जरुली था



*खुद बीमार होकर भी पूछती है तबीयत मेरी…*
*माँ कमजोर है थोड़ी लेकिन मजबूत बड़ी है

लोग तो वही रहते है बस
वक्त के साथ उनका बर्ताव बदल जाता है

ਦੇਸੀ ਜੇ ਬੰਦੇ ਹਾਂ… ਸੋਚ ਫੁਕਰਿਆਂ ਨਾਲ ਰਲਦੀ ਨੀ.. !
ਤੈਨੁੰ ਨੀਵੇਂ ਪਸੰਦ ਨੀ ਸ਼ਾਡੀ ਉਚਿਆ ਨਾਲ ਬਣਦੀ ਨੀ


हा में गरीब हूं
*शुक्र है कि मौत सबको आती है*
*वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते*
*कि गरीब था इसलिए मर गया…!!*

ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें..
तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं


मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
.
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!


नाराजगी ‪चाहे‬ कितनी भी ‪क्यो‬ न हो ‪तुमसे‬
तुम्हें छोड़ देने का ‪ख्याल‬ हम आज भी नही रखते_!!!

मोहब्बत का इजहार करके मेरे दर्द को बेघर ना कर…
ताउम्र काटी है इसने मेरे सीने में रह कर…..।।।।”

हादसे तो और भी हुए है मेरे साथ जिंदगी में,
मगर मुझे रूह से मार गया तेरा छोड़ जाना !!