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सुनसान सी लग रही है , आज ये शायरों की बस्ती….*
*क्या किसी के दिल मे , अब दर्द नहीं रहा.



कुछ फैसलो का क्या बताये हाल ।
दूसरो की ख़ुशी की कीमत अपने आंसुओ से चुकानी पड़ती है ।

किसी को बुरा मत कहो
किसी की चुगली मत करो
किसी आचछे ईंसान के बारे
मे गलत मत बोलो
जो लोग आचछे होते
है वो किसी की भी बुराई नही करते है

बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है.!!*
*बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल.


अगर आँसूं बहा लेने से यादे बह जाती
तो तेरी कसम एक ही दिन में हम तेरी याद मिटा देते

दर्द तो ऐसे पीछे पड़ा है मेरे,*
*जैसे मैं उसकी पहली मोहब्बत हूँ !!*


किताबें भी पढ़ने का शौक़ नहीं था हमें,
और इस इश्क़ ने आँखें पढ़ना सिखा दिया !!


जीवन के नियम भी ‘कबड्डी के खेल’ जैसे हैं
सफलता की लाइन टच करते ही
लोग आपकी ‘टाँग खींचने’ लग जाते हैं

मुझे सिर्फ इतना बता दो….इन्तजार करु…..
या बदल जाऊ मै भी तुम्हारी तरह….

बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे….
काश…कोई मुझे समझने वाला भी मिलता….