पत्नी: मैं आठ दिनों के लिए मायके जा रही हूँ। मुझे मालूम है कि तुम्हें खाना बनाना नहीं आता और रात का खाना तुम्हें ताजा और गर्म चाहिए। इसीलिए मैंने अपनी सहेली स्वाति को बोल दिया है कि, वो रात में आकर खाना बना दिया करे। अगर रात में उसे देर हो गई तो वो यहीं रह जाएगी और सुबह तुम्हारा चाय, नाश्ता और टिफिन बनाकर ही अपने घर जाएगी।

इसी प्रकार अगर कभी बोरियत महसूस करो तो, सामने बिल्डिंग में रहने वाली स्मिता को फोन करना, वो आ जाएगी गप्पें मारने, मैंने उसे भी बोल दिया है, वैसे तो वो खुद के घर में एक काम नहीं करती, यहाँ आकर तुम्हें कंपनी तो देगी।

मैं नहीं हूँ सोचकर रोज भी पियोगे तो प्रॉब्लम नहीं है, भैया ने तुम्हें जो स्कॉच व्हिस्की की बॉटल दिए थे, वो टीवी के पास ही रखी है। कंपनी देने के लिए पड़ोसी शर्मा जी और भाभी को बुला लेना, वैसे तो वो मियाँ-बीवी रस्ता ही देखते रहते हैं, बुलावे का, लेकिन तुम लिमिट में ही पीना।

ऐसी बीवी हिमालय पर दस साल तपस्या करने के बाद भी नहीं मिलती!

सपने हैं सपनो का क्या?.


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