खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं
इसलिए लोग कहते हैं”जमाना खराब है”..
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दूर उन्हें जाना था ये …. एहसास तो था लेकिन……!!*
*बिछड़ना इस कदर होगा …..ये ख्याल ना आया …..
दुपट्टा क्या रख लिया सर पे,वो दुल्हन नजर आने लगी…!!
उनकी तो अदा हो गई और जान हमारी जाने लगी…!!
“मुझसे जब_भी मिलो तो नजरे उठा_के मिला_करो,
मुझे_पसंद है अपने_आप को आपकी_आँखो मे देखना”
मन्दिर मस्जिद सी थी मोहब्बत मेरी,
बेपनाह इबादत थी फिर भी एक न हो सके
“तुम्हे इस हद तक चाहने की तमन्ना है की,
मेरे जाने के बाद भी तुम मेरे लिए जी सको !!”
वक़्त और प्यार दोनों ज़िन्दगी में ख़ास होते हैं ..
वक़्त किसे का नहीं होता और प्यार हर किसी से नहीं होता।
कितनी रौनकें कितने मंजर, न जाने कितने शहर देखे, पर…
गाँव हमें अब भी वहीं प्यारा है, जहाँ हमने अपने पुरखों के घर देखे.
वो मेरी होगी तो लौट आएगी एक दिन मेरे पास,
हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते !!
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!