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वो लफ्ज कहां से लाऊं जो तेरे दिल को मोम कर दें….!!
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरूखी से……!!



मैं तो दिल को साफ रखा करता था
हमें क्या पता कि कीमत तो चेहरे की होती हैं

उसे हमारी याद तब ही आती है
जब उसके पास कोई और बात करने के लिए ना हो ।।।।

जब_मिलो किसी से तो जरा_दूर का रिश्ता_रखना,
बहुत_तङपाते हैँ अक्सर सीने ❤ से लगाने_वाले ।।


पहचान ना पाया तेरी हकीक़त को वक्त रहते।
ये मेरी मोहब्बत थी या तेरे झुठ बोलने का हुनर


दिल से ज्यादा उपजाऊ जगह और कोई नहीं हो सकती !
आप पर निर्भर करता है आप प्यार बोते हैं या नफरत !


अक्सर वक्त पडने पर वो ही साथ छोडते है…
जिनपर सबसे ज्यादा भरोसा होता h

उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,,
जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही!!

हां हो रही है हलचल फिर से एक बार इस खामोश जिदंगी मे….

कोई बता दो कि की खुश़ीया आएगी या फिर से ईक नया तुफान 😔