मोहब्बत में हमेशा अपने आप को बादशाह समझा हमने
मगर एहसास तब हुआ जब किसी को माँगा फकीरों की तरह
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वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,
अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने….
इजाजत तो उसने भी न दी थी हमे मोहब्बत की..
वो शायरी पे वाह-वाह करते रहे और हम तबाह होते गए…
जमाने की नजर मेँ थोड़ा सा अकड कर चलना सीख ले ऐ दोस्त,
मोम जैसा दिल लेकर फिरोगे तो, लोग जलाते ही रहेँगे.
कोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही…
जो जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कही..*
जहां तक रिश्तों का सवाल है लोगो का आधा वक़्त अन्जान लोगों
को “इम्प्रेस” करने और अपनों को “इग्नोर” करने में चला जाता हैं.
निकाल दिया उसने मुझे अपनी जिंदगी से भीगे कागज की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा और ना जलने के :))
नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं,,,
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर… :))
कुछ इस तरह से जिंदगी को आसान कर दिया …
किसी को अनफ्रैंड तो किसी को ब्लॉक कर दिया
अब तेरे बाद ……मेरा कौन बनेगा ….हमदर्द …..*
मैंने अपने भी खो दिए…. तुझे पाने की….. ज़िद में…….*