Mahobaat agar chehra dekh kar hoti ,
to yakeen mano tumhse na hoti
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आप कब सही थे। इसे कोई याद नही रखता।
लेकिन आप कब गलत थे इसे सब याद रखते है।…
ना सलाम याद रखना ना पैगाम याद रखना।
छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।
“मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था…..
बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुम नें …
मालूम नहीं मुझे मेरी फितरत में क्या है ‘
ये तो वो दिन बताएगा जब मेरे जाने की खभर आएगी.
चंद पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के.
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया.
मेरे दिल की पुकार तेरे दिल तक कभी जाती तो होगी !
रोज नहीं तो कभी न कभी मेरी याद आती तो होगी
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं,
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं, इसलिए घाटे में हैं !!
दिल में जोर से दस्तक दे रहा है कोई…
लगता है यादों के आने का वक़्त हो गया..
कैसे करे इंतजार तेरे लौट आने का,
अभी दिल को यकीन नहीं हुआ है तेरे चले जाने का !