तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
नहीं हो सकता कद तेरा ऊँचा किसी भी माँ से
ऐ खुदा… तू जिसे आदमी बनाता है, वो उसे इन्सान बनाती है
बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे,
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
तू याद रख, या ना रख…
तू याद है, ये याद रख…
मुझे इस बात का गम नहीँ कि बदल गया ज़माना।
मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो कहीँ तुम ना बदल जाना।
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी,
कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!
ye dil bhi kiya ajeeb cheez hai…
wahan hi jhukta hai jahan qadar nahi hoti
ना चंपा ना पारो आपना तो एक ही ऊसूल है
हर लडकी पे लाईन मारो…
Badal gae hain ab hum dono …!
Na woh manti hai , na mai roht’ta Hun …!!!
doob si gai hai gunaho mai meri zindagi eY RAB…….
karde rehmat mujh par bhi kahen gunahgaar hi na mar jaun ..