Sub Categories

असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है



ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है

कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे
आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो

बादशास की गली मे आकर कभी पता नही पूछा करते
.
गुलामो के झुके हुए सर खुदबखुद रास्ता बता देते है


असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है

दिलों की बात करता है ज़माना
.
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है.


ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है


तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर

मेरे लफ्जो से मत कर मेरे किरदार का फैसला
.
तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकीकत ढुढते ढुढते ණ™

पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी..!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी.