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रुलाने में अक्सर उन्ही का हाथ होता है.
जो कहते है कि तुम हँसते हए बहुत अच्छे लगते हो.



गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर.
ज़िन्दगी ने वफ़ा कि तो कल फिर सिलसिले होंगे.

ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है,
ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे.

उनकी गलियो से गुजरना तो बहुत आम था…
बहाना भी एक कि कोई बेहद जरुरी काम था…


फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी हैं

वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश ‘जनवरी’ है !!


वक्त सिखा देता है इंसान को फलसफा जिंदगी का..!!

फिर तो नसीब क्या .. लकीर क्या … और तकदीर क्या ?


हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर,
हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है

दिल मे बने रहना ही सच्ची शोहरत है,
वरना मशहूर तो कत्ल करके भी हुआ जा सकता है.!!

ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,.
वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….