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आजकल पेड पर लदे बेर
खुद ही मजबूरी में
नीचे गिरने लगे हैं ..
क्योंकि
बेर को भी पता है
पत्थर मारने वाला बचपन
अब मोबाईल में व्यस्त है



नया ले आते हैं पुराना सामान कचरे में फैंक के ,
घर में पुरानी चीजें अब अच्छी नंही लगती ,

घर के किसी कोने में उसका भी बिस्तर है ,
नई बैठक में बूढ़ी माँ … अब अच्छी नंही लगती ,

Good morning ,good afternoon , good evening, good night
wish karne main Kya raha h.
karo wish to kaho shubhprabhat,
jai shri Krishna

*सफलता क्या है ??*

4 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

8 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है।

12 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है।

18 वर्ष की उम्र में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है।

25 वर्ष की उम्र तक नौकरी पाना सफलता है।

30 वर्ष की उम्र में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है।

35 वर्ष की उम्र में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है।

45 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपना युवावस्था बरकरार रख पाते हैं।

55 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं।

65 वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना।

70 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं।

75 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं।

80 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है।

और 85 वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

अंततः यही तो जीवन चक्र है.. जो घूम फिर कर वापस वहीं आ जाता है जहाँ से उसकी शुरुआत हुई है। और यही जीवन का परम सत्य है।

संभाल कर रखना अपने को
Bcoz……
आपका जीवन अनमोल है ।।


मोदीजी दावोस गए|
वहाँ उन्हे अपनी बात रखने का मौका मिला|
भाषण के क्रम में उनके मुँह से भूलवश सवा सौ करोड़ जनता की जगह 600 करोड़ जनता निकल गया|
कुछ लोग 600 करोड़ वाली बात पर ताली पीट रहे है|
अगर 600 करोड़ न बोला होता तो दूसरी बात पर उछलते|
हिंदी में भाषण दिया उससे भी परेशानी है|
कह रहे वोटरों को लुभाने के लिए वो हिंदी में बोले|
यही अंग्रेजी में स्पीच दी होती तो कहते विदेश जाकर विदेशी बोली बोल रहे है|
लब्बोलुआब यह है कि मोदीजी को वहाँ मिलने वाली इज्जत अफजाई अच्छे अच्छो को न पच रही है|
कमबख्त दस्त के मारे औंधे पड़े हुए है|
प्यारे नफरतगर्दों,
सूजी है क्या?

एक चीज़ शेयर करना जरा सब लोग…
2013 : पेट्रोल 83 रु लीटर और 1 लाख करोड़ का तेल कम्पनियों पर कर्ज
2018 : पेट्रोल 80 रु लीटर और तेल कम्पनियों पर ZERO कर्ज


एक इमाम जी एक दिन एक बच्चे से उलझ गये ।

बच्चे ने भी एक प्रश्न दाग दिया कि,

“वो कौन-सी वस्तु है, जो पाक साफ होती है और कभी अपवित्र नहीं होती……?”

इमाम जी टोपी उतार कर पसीने-पसीने हो गये, मगर, उस बच्चे के प्रश्न का जवाब नहीं दे पाये ।

आखिर, हार मान कर बोले, चल तू बता ।

बच्चे ने कहा कि कभी न अपवित्र होने वाली वस्तु है,

टैन्ट हाउस के गद्दे, जिसे……

हिन्दू,-मुसलमान से ले कर पण्डित, हरिजन कुम्हार , डोम और बाल्मीकि सभी धर्म के लोग इस्तेमाल करते हैं ।

ये गद्दे मैयत से लेकर पूजा पण्डाल तक और धार्मिक कथा से ले कर उठावनी तक हर मौके पर बिछते हैं ।

इनको कोई सुतक भी नहीं लगता ।

बाराती भी इन गद्दों पर सोम-रस पीने के बाद वमन करते हैं ।

छोटे बच्चों को सुविधानुसार इन पर पेशाब करा दिया जाता है ।

इतना ही नहीं, इन पर बिछी चादरों से जूते भी चमका लियेे जाते हैं ।

हद तो तब होती है, जब हलवाई इन चादरों में पनीर का चक्का लटका देता है ।

उसी पनीर से क्या मजे का मटर-पनीर बनता है….

😤😤😤😤

😟😟😟😟

😏😏😏😏

इमाम चारों खाने चित था…..!!

बच्चा इमाम जी पर पानी के छीटे मार रहा था……!! 😀😀

इस पोस्ट को एक चुटकुले के नजरिए से ना देखा जाए।

यह एक सत्यता है जिसे हम सब जानते , पर मानते नही है।
और दिखावा करते है।
!! जय हिंद!!


*एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी | वहीं थोड़ी दुरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था|जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुच सकी तो किसी ने कहा कि क्यों न हम महात्मा जी के पास अपनी समस्या को लेकर चलें अतः सभी संत के पास पहुंचे | जब संत ने गांव के लोगों को देखा तो पुछा कि कैसे आना हुआ? तो लोगों ने कहा ‘महात्मा जी गाँव भर में एक ही कुआँ हैं और कुँए का पानी हम नहीं पी सकते, बदबू आ रही है । मन भी नहीं होता पानी पीने को।*

*संत ने पुछा–हुआ क्या?पानी क्यों नहीं पी सक रहे हो?*

*लोग बोले–तीन कुत्ते लड़ते लड़ते उसमें गिर गये थे । बाहर नहीं निकले, मर गये उसी में । अब जिसमें कुत्ते मर गए हों, उसका पानी कौन पिये महात्मा जी ?*
*संत ने कहा — ‘एक काम करो ,उसमें गंगाजल डलवाओ,*
*तो कुएं में गंगाजल भी आठ दस बाल्टी छोड़ दिया गया ।*
*फिर भी समस्या जस की तस !*
*लोग फिर से संत के पास पहुंचे,अब संत ने कहा”*
*भगवान की कथा कराओ”।*

*लोगों ने कहा ••••ठीक है ।*

*कथा हुई , फिर भी समस्या जस की तस*
*लोग फिर संत के पास पहुंचे !*
*अब संत ने कहा*
*उसमें सुगंधित द्रव्य डलवाओ।*

*लोगों ने फिर कहा ••••• हाँ, अवश्य ।*
*सुगंधित द्रव्य डाला गया|*
*नतीजा फिर वही…ढाक के तीन पात*
*लोग फिर संत के पास*
*अब संत खुद चलकर आये ।*
*लोगों ने कहा– महाराज ! वही हालत है, हमने सब करके देख लिया । गंगाजल भी डलवाया, कथा भी करवायी, प्रसाद भी बाँटा और उसमें सुगन्धित पुष्प और बहुत चीजें डालीं; लेकिन महाराज ! हालत वहीं की वहीं ।अब संत आश्चर्यचकित हुए कि अभी भी इनका मन कैसे नहीं बदला।*
*तो संत ने पुछा– कि तुमने और सब तो किया, वे तीन कुत्ते मरे पड़े थे, उन्हें निकाला कि नहीं?*
*लोग बोले — उनके लिए न आपने कहा था न हमने निकाला, बाकी सब किया । वे तो वहीं के वहीं पड़े हैं ।*
*संत बोले — जब तक उन्हें नहीं निकालोगे, इन उपायों का कोई प्रभाव नहीं होगा।*

*👉सही बात यह है कि हमारे आपके जीवन की यह कहानी है । इस शरीर नामक गाँव के अंतःकरण के कुएँ में ये काम-क्रोध ,लोभ-मोह और अहंकार के तीन कुत्ते लड़ते झगड़ते गिर गये हैं । इन्हीं की सारी बदबू है ।
हम उपाय पूछते हैं तो लोग बताते हैं–तीर्थयात्रा कर लो, थोड़ा यह कर लो, थोड़ा पूजा करो, थोड़ा पाठ। सब करते हैं, पर बदबू उन्हीं दुर्गुणों की आती रहती है ।
तो पहले इन्हें निकाल कर बाहर करें तभी जीवन उपयोगी होगा ..

रोज़ याद न कर पाऊँ तो
खुदग़रज़ ना समझ लेना,

दरअसल छोटी सी जिन्दगी है।
और परेशानियां बहुत हैं..!!

मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..

बस जिंदगी उलझी पड़ी है ..
दो वक़्त की रोटी कमाने में।. .

काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं,
विश्वास पर चलकर .
भगवान .. मिलते हैं,

एक बात सदा याद रखना दोस्त!!

सुख में सब मिलते है, लेकिन
दुख में सिर्फ .. भगवान .. मिलते है. .

👣👣
Good morning