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माना कि
लडके के घरवालों का लड़की के घरवालों से दहेज मांगना पाप है
पर,
लड़कीवालों का
सिर्फ सरकारी नौकरी या लाखों के पैकेज वाला लड़का ही ढूँढना
कौन सा पुण्य का काम है। !😡😡😡😡😡
-अखिल भारतीय दसवीं-बारहवीं अनुत्तीर्ण एवं सप्लीमेंट्री संघ



मंज़िलों तक पहुँचने का जब रास्ता मिलेगा मुझे
अंजानों का चेहरा भी तब, हसता मिलेगा मुझे।
.
माना की ज़रा महँगे हैं अब दो पल भी लोगों के
ऊँचाइयों पर अच्छा अच्छा सस्ता मिलेगा मुझे।

*”एक सुनार था, उसकी दुकान से मिली हुई एक लोहार की दुकान थी।*
*सुनार जब काम करता तो उसकी दुकान से बहुत धीमी आवाज़ आती, किन्तु जब लोहार काम करता तो उसकी दुकान से कानों को फाड़ देने वाली आवाज़ सुनाई देती।*
*एक दिन एक सोने का कण छिटक कर लोहार की दुकान में आ गिरा।* *वहाँ उसकी भेंट लोहार के एक कण के साथ हुई।*
*सोने के कण ने लोहे के कण से पूछा- भाई हम दोनों का दुख एक समान है, हम दोनों को ही एक समान आग में तपाया जाता है और समान रूप ये हथौड़े की चोट सहनी पड़ती है।*
*मैं ये सब यातना* *चुपचाप सहता हूँ, पर तुम बहुत चिल्लाते हो, क्यों?*
*लोहे के कण ने मन भारी करते हुऐ कहा-*
*तुम्हारा कहना सही है, किन्तु तुम पर चोट करने वाला हथौड़ा तुम्हारा सगा भाई नहीं है।*
*मुझ पर चोट करने वाला लोहे का हथौड़ा मेरा सगा भाई है।*
*परायों की अपेक्षा अपनों द्वारा दी गई चोट अधिक पीड़ा पहुचाँती है”*

एक गांव में बाढ़ आ गई। घरों में पानी भरने लगा तो गांव के लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की तरफ चले गये। केवल एक आदमी, जो भगवान का बड़ा भक्त था, अपने घर में फंसा रह गया। जब पानी ज्यादा बढ़ने लगा तो वह छत पर चढ़ गया और भगवान से प्रार्थना करने लगा। तभी एक नाव उसके घर के पास से गुजरी। नाव पर सवार आदमी ने चिल्लाकर उसे नाव पर आने के लिए कहा पर आदमी ने मना कर दिया। बोला – मुझे अपने भगवान पर पूरा विश्वास है। वे मुझे जरूर बचा लेंगे। तुम जाओ।
नाव वाला नाव लेकर चला गया। आदमी फिर प्रार्थना करने लगा। करीब एक घंटे बाद एक मोटरबोट उसकी तरफ आई। मोटरबोट सवार ने भी उस आदमी से चलने का अनुरोध किया पर उस आदमी ने उसे भी मना कर दिया – नहीं भाई। तुम जाओ । मेरे प्रभु मुझे बचाने अवश्य आएंगे। और फिर प्रार्थना में तल्लीन हो गया।
कुछ देर बाद एक हेलिकॉप्टर वहां से गुजरा। छत पर खड़े अकेले आदमी को देखकर उन्होंने रस्सी उसकी ओर फेंकी और हेलिकॉप्टर पर आने का इशारा किया। पर उस आदमी ने उनकी भी मदद लेने से इनकार कर दिया। बोला – आप लोग चिन्ता न करें । मेरे भगवान मुझे बचा लेंगे।
अंतत: पानी छत पर आ गया और उस आदमी की डूब कर मौत हो गई।
परलोक पहुंचने पर वह सीधा भगवान के सामने जा खड़ा हुआ और फट पड़ा – भगवान ! ये आपने ठीक नहीं किया ! मैंने सच्चे मन से आपकी प्रार्थना की ! आप पर भरोसा किया, इसके बावजूद आपने मुझे नहीं बचाया ! आखिर क्यों ?
भगवान आवेश में आकर बोले – अरे मूर्ख ! मैंने तुझे बचाने के लिए एक नाव, एक मोटरबोट और एक हेलिकॉप्टर भेजा ! अब और तुझे क्या चाहिए था ………


धयान से पढ़ना आँखों में पानी आ जाएगा.
बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..
इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा …
जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है …..
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था …. जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे …
मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ….
पता तो चले कितना माल छुपाया है …..
माँ से भी …
इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..
जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ….
मैंने जूता निकाल कर देखा …..
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था …
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..
और मुझे जाना ही था घर छोड़कर …
जैसे ही कुछ दूर चला ….
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ….
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था …..
जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी …..
मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ….
मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?
दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ……
ओह….अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ………..!!!!
माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो …
और वे हर बार कहते “अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे ..”
मैं अब समझा कितने चलेंगे
……तीसरी पर्ची ……….
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये …
पढ़ते ही दिमाग घूम गया…..
पापा का स्कूटर ………….
ओह्ह्ह्ह
मैं घर की और भागा……..
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ….
मैं घर पहुंचा …..
न पापा थे न स्कूटर …………..
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ….
मैं दौड़ा …..
और
एजेंसी पर पहुंचा……
पापा वहीँ थे ……………
मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..
…..नहीं…पापा नहीं…….. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल…
बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..
वो भी आपके तरीके से …।।

“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है…
और
“पापा” एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है…
Always Love Your Parents

पैदल वापस घर आ रहा था ।
रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था ।
‘कृपया पढ़ें’___________________________
पास जाकर देखा – “इस रास्ते पर मैंने कल एक ₹50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।” …
यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक झुग्गी झोपड़ी का है । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।
“माँ जी”, मैंने कहा – “आपका खोया हुआ ₹50 मुझे मिला है उसे देने
आया हूँ ।”
यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।
“बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 ₹ दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।”
बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की – ‘ बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।’
मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी “माँ” ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा । मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई ।
उस अकेली वृद्धा की जिंदगी के लिए इससे अच्छा कोई उपाय नहीं है ।
मैंने उस कागज को फाड़ा नहीं ।
अच्छा लगा तो share करे


एक आदमी ने देखा की एक गरीब बच्चा उस की कीमती कार को निहार रहा है।
उसे रहम आ गया और उसने उस बच्चे को अपनी कार में बैठा लिया।

बच्चा : आपकी कार बहुत महंगी है ना.?

आदमी : हाँ। मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दी है।

बच्चा : आपके बड़े भाई कितने अच्छे आदमी हैं।

आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो। तुम भी ऐसी कार चाहते हो ना.?

बच्चा: नहीं, मै भी आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ। मेरे भी छोटे भाई बहन हैं ना..।

Thought of the day:-
“अपनी सोच को हमेशा ऊंचा रखें, दूसरों की अपेक्षाओं से भी कहीं ज्यादा ऊँचा.


जीवन के 6 सत्य:-
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि लंगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते ।
आप कितने भी लम्बे क्यों न हों,
मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है ।
क्योंकि अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि ” आप ” नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्योंकि ” आप ” पर हँसने के लिए दुनिया खड़ी है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि घर के बाथरूम तक आपको चल कर ही जाना पड़ेगा ।
इसलिए संभल कर चलिए …ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसाते काटिये, आनंद आएगा ।

जो नसीब मे है..वो चलकर आयेगा.
जो नही है..वो आकर भी चला जायेगा.
जिंदगी को इतना सीरियस लेने की जरूरत नही है दोस्तो…
यहाँ से जिंदा बचकर कोई नही जायेगा..
एक सच है की…..
अगर जिंदगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया मे रोते रोते ना आते…
लेकिन एक मीठा सच ये भी है अगर ये जिंदगी बुरी होती तो हम जाते जाते लोगो को रुलाकर ना जाते….
जी ले आज….कल किसने देखा हैं ।
🌹 *Enjoy life*

6 सवाल और 6 चुनौतियॉं : 
1. किस का जन्मदिन हर साल नहीं आता ?  
2. कौन सी चीज धूप में नहीं सूख सकती.?  
3. कौन सा फल मीठा होने के बावजूद बाजार में नही बिकता ?  
4. कौन सी चीज है जिसका नाम लो तो टूट जाती है ?  
5. वो कौन है जो बगैर पैरों के भागता है और लौटकर नहीं आता ?  
6. कौन सी मछली  समुद्र में तैर नहीं सकती ?  
इन सवालों का जवाब 24 घंटों में देने की कोशिश करें | अपने अन्य मित्रों के पास भी यह संदेश भेजें ताकि आप उनसे भी इनके सही उत्तर जान सकें | आप समय शुरू होता है अब … दिमाग लगाकर देखें …..