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लोगो के तो दिन आते है
पर
.
हमारा तो जमाना आएगा



तु बेशक अपनी महफिल मे हमे बदनाम करती है,
.
पर तुझे अनदाजा भी नही है कि
वो लोग भी पैर छुते है मेरे,
.
जिन्हे तु भरी महफिल मे झुक के सलाम करती है ණ

खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले ..

बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना की जिए,
ज़िन्दगी मिलती है कुछ कर दिखाने के लिए,
रोके अगर आसमान हमारे रस्ते को,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकाने के लिए


जिनकी नजरो में हम नहीं अच्छे ,
कुछ तो वो लोग भी बुरे होंगे ।।
अब मुझे फर्क नहीं पड़ता…
तुम्हारे फर्क पड़ने से..

राज तो हमारा हर जगह पे है…।
पसंद करने वालों के “दिल” में,
और
नापसंद करने वालों के “दिमाग” में…


उसे लगता है
की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ
नही आती
मै बड़ी खामोशी से देखता हु
उसको अपनी नजर से गिरते हुए


किसी भी मनुष्य कि वर्तमान स्तिथि को देखकर
उसके भविष्य का उपहास मत उडाऔ
.
क्योकि
.
समय मे इतनी शक्ति है कि वह एक साधारन से कोयलो को भी धीरे-धीरे एक किमती हीरे मे बदल देता है

हार और जीत
आपकी सोच पर
निर्भर करती है
.
मान ली तो हार
ठान ली तो जीत

नजरे झुका कर बात कर पगली,
जितने कपड़े है तेरे पास उतने
तो मै रोज लफड़े मे फाड़ देता हु