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~ Tu Kya Jaaney Pyaar Mera
Tu Jaan Leta To Jaan De Deta .. ^



~Yoon Naa Dekha Karo Khuda Ke Waaste,
Barh Gyi Nah Mohabbat Toh Musibat Ho Jayegi .. ^

~एक बार देखा था उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए,
बस! इतनी सी हकीकत है, बाकी सब कहानियाँ हैं .. ^


मेरी आशिकी भी थोड़ी अलग सी है।

वो स्टेशन पर बैठी थी सर्द रात में,
मैने घर में रजाई ओढ़ना भी सही नहीं समझा।

!! हम आये हैं तेरे शहर में एक मुसाफ़िर की तरह
ऐ अज़नबी बस एक बार मुलाकात का मौका देदे !!”


” कितना मुश्किल है मनाना… उस शख्स को ..
जो रूठा भी ना हो और… बात भी ना करे…!!


सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहाँ….
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किसी का “काश” तो किसी का “अगर” छूट ही जाता है…!!!!

~ Apni Deed Se Mujhe Yoon Umr Bhar Tarsay’Gah
Is Baat Pe Meri Ankhon Ne Khud-Kashi Kar Li .. ^