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Ek sukun or ek tum
Pta nhi Kahn gum ho jate ho



दुनिया मैं हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है..!
फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है..!!

क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,*

*सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना .😀


जब सुकून नही मिलता दिखावे की बस्ती में…
तब खो जाता हूँ मेरे महाकाल की मस्ती में…


सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!
🌺💐🙏 *शुप्रभात* 🙏💐🌺
*रिंकू बन्ना ठिकाणा नादाना*


सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!

सांपो के मुक्कदर में.. वो जहर कहाँ, जो आजकल इन्सान सिर्फ बातों मे ही उगलतें है।

जब दो लोगों के बीच तीसरा इंसान आ जाता है….
तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती हैं !!!!