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भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम,
किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए.



ज़िंदगी एक सेल्फ़ी जैसी होनी चाहिये,
जो कभी कभी Clear ना दिखे, लेकिन Smile हमेशा देती रहे,,

*यहां लोग अपनी गलती नहीं मानते*
*किसी को अपना कैसे मानेंगे…

ज़हार ए इश्क करूँ या पूछ लूं तबियत उनकी,,,,
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ऐ दिल कोई तो बहाना बता उनके inbox में घुसने का…!!!


हर मायूस को हँसाने का कारोबार है अपना
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दिलों का दर्द खरीद लेते है बस यही रोजगार है अपना

कुछ लड़कियां बहुत प्यारी होती हैं,
उसमें भी चश्मिश औऱ मुस्कुराती हुई , गजब ढा देंती हैं


फ्रिज में रखी पानी की बोतल सी हो गयी है ज़िन्दगी
रोज सुबह भरो, रोज रात को खाली हो जाती है !


लम्हों की दौलत से दोनों ही महरूम रहे,
मुझे चुराना न आया, तुम्हें कमाना न आया।

बाहुबली की हत्या देखकर भयभीत हुआ बालक…
बोला… ‘छुट्टियों में नहीं जाऊंगा मामा के घर’

परेशानी का कोई पैमाना नही होता साहब| मै तो ये सोचकर भी परेशान हो जाती हूँ
कि कमिटी(committee) की स्पेलिंग में m,t और e तीनो डबल डबल क्यूँ है