मेरी कहानी तुम सुन सको…!!!
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इतने आँसू कहाँ हैं तुम्हारे पास…!!!
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वो आईनें मे देख रहे थे, बहारे हुस्न ॥
आया मेरा ख्याल तो शरमा के रह गये ॥
हर रोज़ दरवाज़े के नीचे से सरक जाती है सारे जहान की खबरें…..
एक तेरा ही हाल जानना इतना मुश्किल क्यूँ है…!!
तुम्हे क्या पता की किस दर्द में हूँ मैं,
जो कभी लिया ही नहीं उस कर्ज में हूँ मैं
खुद के खोने का पता ही नहीं चला… ,
किसी को पाने की ‘इन्तहा’ कर दी मैंने….?
ख्वाहिशों का झरना एक तुम भी हो
मेरी लापता मोहब्बत की मिसाल एक तुम भी हो
..जब था तो बहुत पुख्ता था , एक शख़्स से रिश्ता….
….टुटा है , तो अब टुकड़े संभाले नहीं जाते…
अपनों की चाहत मे मिलावट थी इस कदर.
मैं तंग आकर दुश्मनों को मनाने निकल गया..
जरा सी बात पर बरसों के याराने गए
चलो अच्छा है पर कुछ लोग तो पहचाने गए
बहुत सोचा कि अब बात ही नही करूँ तुमसे,
फिर सोचा झगड़ा किससे करूँगा |