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“क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तो,
‪वो‬ लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे !!”



हजार टुकड़े कर दिए उसने मेरे दिल के।।।
फिर वो खुद रो पड़ी,,हर टुकड़े पर अपना नाम देख कर।।

ज़िन्दगी तो बेवफ़ा है एक दिन ठुकराएगी…!!!
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मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जाएगी…!!!

यकीन नहीं होता फिर भी कर लेता हूँ…!!!
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जहाँ इतने हुए..एक और फरेब हो जाने दो…!!!


यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे तेरे आज से,
मगर कभी – कभी बिता हुआ कल याद आता है..

नसीहत देता हूँ इसका मतलब ये नही…..
मैं समझदार हुँ….
बस हमने गलतिया आपसे ज्यादा की है।


मुझे फर्क नहीं पता अपनो और गैरो का,
हर कोई हँसा है मुझे रोता देखकर


*बेनाम ही रख ले अपना रिश्ता……*
*नाम देंगे तो दुनिया बदनाम कर देगी…..!!*

बहुत खूब कहा है किसी ने
जी लो हर पल को वरना ना जिदगी रहेगी और ना ही पल

इंतेजार भी कितनी अजीब चीज हे ना खुद करे तो,
गुस्सा आता है, और.. दूसरा कोई करे तो अच्छा लगता है।