Sub Categories

वो जो मुझे हँसते हुए देख कर खुश समझते हैं ,
वो अभी मुझे समझे नहीं।



इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे
फिर से आज जीने की वजह मिल गयी

अनदेखे धागों में, यूं बाँध गया कोई,
की वो साथ भी नहीं, और हम आज़ाद भी नहीं !!

मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले..
फिर वही गोद फिर वही माँ मिले..


इतना रोई वो मेरी कब्र पे मुझे जगाने के लिए,
मै मरता ही क्यो अगर वो थोड़ा रो देती, मुझे पाने के लिए !

बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा महोल्ला, 💗जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे


अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !


अनपढ़ लोगो की वजह से ही हमारी मातृभाषा बची हुई हैं साहब
वरना पढ़े हुए कुछ लोग तो राम राम बोलने में भी शरमाते हैं

बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें,
तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं… 👌

लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की.!