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तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
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पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!



दिल टूटा है मेरा और ख्वाब बिखर गये,
दर्द मिला इश्क मे इतना कि जख्मो से हम निखर गये

बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्यूंकि समझौतें शेर को भी कुत्ता बना देते है !!

रिश्तों के दलदल से, कैसे निकलेंगे
जब हर साज़िश के पीछे, अपने निकलेंगे!


फासलों का एहसास तो तब हुआ साहब….*
*जब मैंने कहा “मैं ठीक हूँ”, और उसने मान लिया

नहीं जीना मुझे अब उस नकली अपनों के मेले में …
खुश रहने की कोशिश कर लूंगा खुद हीं अकेले में


दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है


होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं..
किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!

कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता..
गुफ़्तगू किसी से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..💟

ना पीछे मुड़ के देखो, ना आवाज़ दो मुझको,
बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना..