क्यों दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्जा देते हैं
मैंने तो आज तक नहीं सुना खुदा ने बेवफाई की हो
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एक कोशिश है कि कोई दिल के ज़ख्म ना देख ले ,
एक ख्वाइश है कि काश ! कोई देखने वाला होता
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम..
चाहा था सिर्फ एक तुमको और अब तुम से ही दूर है हम।
जिंदगी सफ़र पर निकल चुकी है…
मंजिल कब मिलेगी तू ही बता ये मेरे खुदा..!
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।
वो मेरा हमसफर भी था वो मेरा राहगुजर भी था,
मंजिलें ही एक न थीं, दरमियाँ ये फासला भी था।
सामान बाँध लिया है मैंने भी अब बताओ दोस्त 😥,
वो लोग कहाँ रहते है जो कहीं के नहीं रहते।
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार;
दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है!
इतना शौंक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का;
क़सम से रास्ता जाने का है आने का नहीं!
पैगामे मोहब्बत हमने भेज दिया लिफाफे में ❤
मर्ज़ी उसकी लिफाफा खोले या यूं ही रख दे