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सिर्फ दिल ❤️ का हकदार बनाया था तुम्हें
हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली.



तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,
तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..

मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह

बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,❤
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे.


सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!

दश्त था, सेहरा था, तन्हाई थी, वीरानी थी,
अपने ही अपने नही थे…बस यही हैरानी थी.


तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ …
तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ…!


अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का
कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है !

याद रहेगा ये दौर-ए-हयात हमको,
क्या खूब तरसे हैं जिन्दगी में एक शख्स के लिए ।।

सादगी अगर हो लफ्जो मे, यकीन मानो,
प्यार बेपनाह,और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं !!