Sub Categories

कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.



साझेदारी करो तो किसी के दर्द के साथ,
क्योंकि खुशियों के दावेदार तो बहुत हैं।

एक तो सुकुन और एक तुम,
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही.

सुना है आजकल तेरी मुस्कुराहट गायब हो गयी है,
तू कहे तो फिर से तेरे क़रीब आ जाऊँ.


लोग कहते हैं कि मेरी पसंद खराब है, 🙍
लेकिन फिर भी मैं तुम्हें पसंद करता हूं.

*वो इश्क वो ख्वाब, वो वादे और जाने कहाँ गुम हो गए ॥।
कल तक तो सिर्फ हम थे और आज मैं और तुम हो गए ॥॥


उन्हें वहम है कि बस मुँह फेरकर भुला पाएँगे हमें ….
कोई समझाए कि आँखें मूँदने से रात नहीं हुआ करती …..!!


वास्ता हमसे, पहले से ही वो, कम रखते हैं…
वो हम ही हैं, जो मोहब्बत का भ्रम रखते हैं….!!!

ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी

कहा था ना मैने “सोच लो तुम”
जिन्दगी भर रिश्ते निभाना आसान नहीं होता..