इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं हे,
मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबु आये.
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दिन में ना जाने कितनी बार होता है ऐसा…
तेरी याद आना और मेरा उदास हो जाना
सुनो, उसको बता देना की जो उस पर मरती थी न
वो मर गयी है
DiL लेकर क्या KaRoGi बताओ तो sAHi
tUm_sE ज़ुल्फें तो ApNi संभाली नहीं JaTi..
जाते-जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया
उम्र भर ना दोहरा पाऊ ऐसी कहानी दे गया।
पर्दा गिरते ही खत्म हो जाते हैं तमाशे सारे,
खूब रोते हैं फिर औरों को हँसाने वाले.
इतनी उदास न हो, ऐ जिन्दगी खोते वही हैं,
जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं.
”ना जाने क्यों वो फिर भी इतना प्यार करती है मुझसे…
”’मैंने तो कभी माँ को गुलाब का फूल नहीं दिया..
सारी उम्र बस एक ही सबक* याद रखना,
दोस्ती और “दुवा”* में बस नियत साफ़ रखना.
बदल रही हे जिंदगी, बदल रहे हे अन्दाज जीने के…
बदल रहे हे लोग, खंजर छुपाये बेठे है अपने भी अपने सीने मे