माँ तो माँ है जो पहेचान ही लेती है,*
*की आँखें सोने से लाल है या रोने से !!
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जीवन में नफरतों में क्या रखा है,मोहब्बत से जीना सीखो…
क्यूंकि यारों ये दुनिया न तो मेरा घर है और न तुम्हारा ठिकाना…
हजारों गम हो फिर भी मैं खुशी से फूल जाता हूँ…
जब हंसती मेरी मां, मैं हर गम भूल जाता हूँ…
ख़्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…
देखते हैं वक़्त की रफ़ूगिरी, क्या कमाल करती है|
हमारी तो ज़ुबान भी इतनी बात नहीं करती ••
जितनी तुम्हारी आंखें करती है
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर
ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।
इस दुनिया के सभी लोग आपके लिए अच्छे हैं
बस शर्त ये है कि ” आपके दिन अच्छे होने चाहिए ”
कुछ हसरतें अधूरी ही रह जायें तो अच्छा है …
पूरी हो जाने पर दिल खाली सा हो जाता है…