देख तेरी आँखे भी कमाल करती हैं,
मुझ से पर्सनल_पर्सनल सवाल करती हैं..!
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~सुना है कि तुम रातों को देर तक जागते हो
यादों के मारे हो या मोहब्बत में हारे हो l
दोनों साथ गये हैं वक्त बिताने डिनर पर..
बातें मगर उनसे.. मोबाइल कर रहा है!
~देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे
ये तो सच है की हमें चाहने वाले बहुत है,
पर ये मेरी भी ज़िद है की हमें सिर्फ तुम चाहो
सामने होते हुए भी तुझसे दूर रहना,
बेबसी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी
कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर…
बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुए देखा है मैंने… :’)
कितने ही दिल तोड़ती है ये फरवरी…,
..यूं ही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे… )
बयां ना करूँ तो थम जाएगा साँसों का सिलसिला शायद,
जो लफ़्ज़ों में पिरो लूँ तो दिल में थोड़ा सुकूँ सा लगता है।
मेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सके,
याद रहता है खुदा ने एक बहन भी मुझे दी है…