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कौन कहता है …, रब नज़र नहीं आता
वही नज़र आता है.., जब नज़र कुछ नहीं आता….



छोटे लोग और छोटे नोट ही मुसीबत में काम आते हे,
मै भी इन्ही मे से एक हूँ व्यवहार बनाए रखे.

खाना बना रही थी ना इसलिए गरम हूं,
ये केहकर एक माँ ने अपना बुखार छूपा लिया.

एक बार नहीं सौ बार ये दिल टूटा
पर पटाने का शौख साला फिर भी ना छूटा.


नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले.

वो कहते हैं हम जी लेंगे खुशी से तुम्हारे बिना,
हमें डर है वो टूटकर बिखर जायेंगे हमारे बिना।


तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,
तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..!


बहुत मुस्कुरा रहे हो जनाब,
लगता है तुम्हारा इश्क अभी नया नया है ।

जब नफ़रत करते करते थक जाओ..।😣😢
तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।

जरुरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन हो जाता है..