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“मर्दाना कमजोरी” के इलाज पर रंगी हुई है शहरों की दीवारें…
और लोग कहते हैं कि “औरतें कमज़ोर” हैं…



उसके जाने के बाद मोहब्बत नहीं करते हम किसी से
छोटी सी ज़िन्दगी है किस किस को आजमाते रहेंगे

मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था..!
उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे..


अपनी पहचान का तुझसे हवाला चाहु
कितना पागल हूँ जो अँधेरे से उजाला चाहु

ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे..
धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही


जिन्दगी में ‘कुछ’ चीजे भुलाई नही जा सकती
मेरी जिन्दगी में सब ‘कुछ’ सिर्फ तुम ही हो


इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है….
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

दो हिस्सों में बंट गए है, मेरे दिल के तमाम अरमान…
कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले….

तमन्ना थी सदा जिनके करीब रहने की❤
अब खुद ही उनसे बहुत दूर हुए जा रहा हूँ।