हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल की बात कह देते है..
लोग तो गीता पे हाथ रख के भी सच नहीं बोलते !!
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वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता..
गुनाह नहीं होगा तेरे नाम के साथ अपना नाम जोड़ना,,,
बस डर ये है कि तुझे कोई बदनाम ना करे……
कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें,
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नही..
जनवरी से तुम्हें खुशियाँ मिली क्या यारो,
मैं तो अब भी तन्हा हूँ दिसंबर की तरह !!
सोचा था आज कुछ तेरे सिवा सोचूँ
तब से सोच में हूँ कि और क्या सोचूँ
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद !
मुझमें ऐसा क्या खास देखा है तूने,
की जितने गम मिले मुझे ही दे दिये !!
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.
क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब,
ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने.