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सारी उम्र मैं जोकर सा बना रहा,
तेरे पीछे जिंदगी सर्कस हो गयी।



अन्दाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,
मंज़िल का सब को है शौक़, मुझे रास्ते का है….

अब समझ में आया की इसका क्या मतलब होता है…
कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है.

तू मुझसे मिलने कभी नक़ाबों मे ही आ !
ख़ुद न मुमकिन तो ख़्वाबों मे ही आ !!


अपनी यादों से कहो एक दिन की छुट्टी दे मुझे
इश्क के हिस्से में भी एक इतवार होना चाहिए ।।

इश्क में तेरे मरने का इरादा नहीं…..!
प्यार है तुमसे पर जिन्दगी से ज्यादा नहीं.!! 🙂


स्कूल तो बचपन मैं जाते थे
अब तो बस ज़िन्दगी सिखाती है


गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,,
कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे

समझ नहीं पाता उसकी आँखों की अदा,
कभी लगता चाहत है, कभी लगता नफरत है..!!

चाँद तारों में नजर आये चेहरा तेरा…
जब से मेरे दिल पे हुआ है सनम पहरा तेरा.