आज पेपर था ग्रामीण बैंक का, बाहर चैकिंग करण आळा नै भीतर ना बड़ण दिया, मराबटा न्यूं बोल्या तेरी आधार कार्ड की फ़ोटो ना मिलती, भूंडी फ़ोटो है……. मखा आधार कार्ड में कोए भी टॉम क्रूज ना लाग्या करता…. ना मान्या मेरा सुसरा…. मखा जाऊं सूँ, याद राखिए भूखा मैं भी नहीं मरूं, हिसार के जाट कॉलेज आगै गोल गप्प्यां की रेहड़ी लाऊंगा अर तेरी छोरी मेरे ए धोरै आया करैगी पाणी के पतासे खाण 😜
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खैर… घरां आया अर आकै अलमारी खोली जिसमें मेरे आज तक के भरे होड़ सारे फॉर्म थे..IIT तै लेकै MTS तक, कैलकुलेटर लेकै हिसाब लगाया तो बेरा पाट्या इन फार्मां कै पाछै घणे रपिये फूक दिए, इतणे में एक Bullet आ जाती अर विडम्बना देखो…. ईब साली नौकरी की उम्र भी जा ली 😂😂



पत्नी :- मैं तो मेरे भाई के बहरे पण नैं डोब दी ना तूं मेरे पल्ले ना पड़दा … 😗

पति ( मजे लेंदा होया ) :- उसी मेरे साले नैं तो म्हारा रिस्ता कराया था … अर तूं तो कह्या करै अक वा तन्नैं घणा प्यार करै था तेरी सारी फरमैश पूरी करया करदा … 😎

पत्नी :- हां ठीक कहूं थी … पर एकबै मैं गाणा गांऊ थी …
भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना
अर उस बहरे नैं सुण लिआ …
भइया मेरे राखी पे बंदर को ले आणा …

फेर वा तन्नैं पसंद कर ल्याया मेरी खात्तर ..

छोरा दिल्ली आली छोरी तै :- यू लव मी ना … 😎

छोरी :- नो … 😗

छोरा :- प्लीईईईज बोल दे ना यू लव मी … 😍

छोरी :- आई से नो मीन्स नो … 😗

छोरा :- देख ले भाई तै नाट्टै है … ओ तेरी बेब्बे कै थु थु थु … सोरी सोरी

दुकान पै गया था अंडे लेण मखा कितने का एक है …

बैल्या भाई सात का …

मखा यार स्यामी दकाण आला तो पाँच का दे है …

चारौं कान्नी देख कै खड़या होकै मेरे कान मैं बोल्या …
भाई उसकी मुर्गी का करैक्टर खराब है …


Me : भाई , प्यार हो गया मन्नै
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Dost : भाई तू एड्रेस बोल ।

हम छोरी की जिंदगी बर्बाद नही होण दयांगे

एक हरियाणवी 5 स्टार होटल में जाके वेटर से बोला, “चाय 🍵 लाओ..”

थोड़ी देर बाद वेटर ट्रे के साथ आया जिसमें गरम पानी, टी बैग, शुगर क्यूब और मिल्क पाउडर का पाउच था। ट्रे रख वो चला गया.!!

हरियाणवी ने जैसे-तैसे चाय बनाई और पी..!! 😒

कुछ देर बाद वेटर उसके पास आया और कहा, “और क्या लोगे साब..?”

हरियाणवी : वैसे तो पकोड़े खाने का जी करे था भाई, पर डर 😱 यूं लागे कि उसे तु मेरे सामने….

तेल, बेसन, नून मिर्च और कढ़ाई लाके न धर दे..!!


पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “


पैसा ही सब कुछ नही होता …

ये एक ऐसा झूठ है जो पैसेवाले गरीब तै बेवकूफ बणान खात्तर अर गरीब अपणें बालकां तै तसल्ली देण खात्तर सदियों तै बोल्दे आरे हैं ..

सास :- या बर्तन किसनै तोड़े …

बहु :- सोरी मांजी म्हारा झगड़ा हो ग्या था …

सास :- अर या डबल बैड … ???

बहु ( शरमांदे होए ) :- या तो समझौता करदे हाण टूट ग्या

आज का बैस्ट फ्रैंड …

वा सिगरट का पहला कश लगवावैगा … अर फेर आदत होए पाच्छै बीड़ी के फायदे बतावैगा …

वा बीयर शराब ना होती बोल कै थारे होठां कै लावैगा … अर फेर कच्ची दारू की एक हजार खूबियां गिणवावैगा …

वा पहले अपणे ताऊ की गल्तियां बतावैगा … फेर थारे बाब्बू नैं थारा सबतै बड़ा दुश्मन सिद्ध करकै दिखावैगा …

या उम्र ऐसिए हो सै , इन बातां मैं थारा वर्तमान तो विश्वाश कर लेगा … पर बालको भविष्य बिगड़ जावैगा …

तो भाई थम आज की पीढ़ी हो कौशिश करो अपने चाचा ताऊ बाब्बू तै अपणा बैस्ट फ्रैंड बणाओ … उनकी बात मानों अर अपने फ्रैंड को बैस्ट तब बणाओ जब वो उन जैसी सलाह दे अर बात करै … 👍👍👍

और अगर या पोस्ट पढ़ कै तन्नैं बुरा लाग्या तो तूं बी बैस्ट फ्रैंड के जाल मैं फंस रया है माई फ्रैंड …