Preet Singh Leave a comment रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना, दरअसल छोटी सी जिन्दगी है। और परेशानियां बहुत हैं..!! मैं भूला नहीं हूँ किसी को… मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में .. बस जिंदगी उलझी पड़ी है .. दो वक़्त की रोटी कमाने में।. . Post Views: 2 Copy